Friday 1 July 2016

हाथ से हाथ मिला

दोस्तों
प्रथम तो आप सभी को धन्यवाद् कि आप सभी आपकी अपनी पसंदीदा साईट हिंदी पुस्तक खज़ाना से जुड़े रहे हैं और मेरा मनोबल बढ़ाते रहे हैं।
साथ ही आप सभी से एक निवेदन है कि आप सभी हिंदी साहित्य प्रेमियों के पास निश्चय ही और भी अनेक पुस्तकें होंगी जिन्हें आप सभी के साथ बाँटना चाहते होंगे। वे सभी पुस्तकें आप मुझे agrawal.jaideep@gmail.com पर mail कर देवें। जिससे वे पुस्तकें भी अन्यों को उपलब्ध कराई जा सके।
आपके स्नेह की प्रतीक्षा में
आपका अपना........

4 comments:

  1. jaydeep bhai, kaha the itne dino se ?? bhai november k baad pure 7 month ho chuke hain,,, kaha 15-20 dino me aane ka vada kiya tha,,, humsabhi ne to yeahi samajh liya tha ki baki sahi hindi blogs ki tarah ye blog v sirf hamari ummidon ko jaga k ab band ho jayega,,,,aaj achanak man kiya ki dekhu kya status hai yaha ka ???achcha laga fir se wapsi dekh k ,,,, ab gayab mat ho jana sabhi ki tarah...

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    1. धन्यवाद् प्रिन्स जी
      आपके इंतज़ार और स्नेह के लिए
      अब मैं गायब नहीं रहूँगा

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  2. जय दीप जी
    तसलीमा नसरीन की -उत्ताल हवा,मेरे बचपन के दिन,वे अंधेरे दिन,निर्वासन,निमन्त्रण उपलब्ध कराये।

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  3. जयदीप जी ,
    नमस्कार .. _/\_

    कृपया महासमर-8 "निर्बंध" को पूरा अपलोड कीजिये ..
    ये अधूरी है ....
    इसके बिना बाकी सारे खण्ड पढने का मजा भी खराब हो गया ....

    पुन: अनुरोध ...

    और अनिल मोहन का बबुसा वाले भी सभी पार्ट्स अप्लोअद करे

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