Thursday 22 October 2015

राजर्षि - रबीन्द्रनाथ टैगोर


Rajarshi (Hindi Novel) by Rabindranath Tagore

भुवनेश्वरी मंदिर का पत्थर का घाट गोमती नदी में जाकर मिल गया है। एक दिन ग्रीष्म-काल की सुबह त्रिपुरा के महाराजा गोविन्दमाणिक्य स्नान करने आए हैं, उनके भाई नक्षत्रराय भी साथ हैं। ऐसे समय एक छोटी लडकी अपने छोटे भाई को साथ लेकर उसी घाट पर आई। राजा का वस्त्र खींचते हुए पूछा, "तुम कौन हो?" राजा मुस्कराते हुए बोले, "माँ, मैं तुम्हारी संतान हूँ।" लडकी बोली, "मुझे पूजा के लिए फूल तोड़ दो ना!"

डाऊनलोड करें- राजर्षि

No comments:

Post a Comment