Pratyaksh (Mahasamar 7) by Narendra Kohli
नरेन्द्र कोहली के महाभारत की कथा पर आश्रित उपन्यास ‘महासमर’ का यह सातवाँ खंड है, जिसमें युद्ध के उद्योग और फिर युद्ध के प्रथम चरण अर्थात भीष्म पर्व की कथा है। कथा तो यही है कि पांडवों ने अपने सारे मित्रों से सहायता माँगी। कृष्ण से भी। पर नरेन्द्र कोहली का प्रश्न है कि जो कृष्ण जो आज तक युधिष्ठिर से कह रहे थे कि वे कुछ न करें बस अनुमति दे दें तो यादव ही दुर्योंधन का वध कर पांडवों का राज्य उन्हें प्राप्त करवा देंगे, वे कृष्ण उद्योग की भूमि उपलव्य से उठकर द्वारका क्यों चले गए ? पांडवों को उनसे सहायता माँगने के लिए द्वारका क्यों जाना पड़ा ? कृष्ण ने पापी दुर्योधन को अपने परम मित्र अर्जुन के समकक्ष कैसे मान लिया ? प्रश्न यह भी है कि जो कृतवर्मा, कृष्ण का समधी था, जिसने कौरवों की राज सभा से कृष्ण को सुरक्षित बाहर निकाल लाने के लिए अपनी जान लड़ा दी, वह दुर्योधन के पक्ष से युद्ध करने क्यों चला गया ? ऐसा क्या हो गया कि यादवों के सर्वप्रिय नेता कृष्ण जब पांडवों की ओर से युद्ध में सम्मलित होने आए तो उनके साथ न उनके भाई थे, न पुत्र ? कोई नहीं था कृष्ण के साथ। यादवों में इतने अकेले कैसे हो गए कृष्ण ?
जिस युधिष्ठिर के राज्य के लिए यह युद्ध होना था, वह युधिष्ठिर ही युद्ध के पक्ष में नहीं था। जिस अर्जुन के बल पर पांडवों को यह युद्ध लड़ना था, वह अर्जुन अपना गांडीव त्याग हताश होकर बैठ गया था। उसे युद्ध नहीं करना था। जिन यादवों का सबसे बड़ा सहारा था, उन यादवों में से कोई नहीं आया लड़ने, तो महाभारत का युद्ध कौन लड़ रहा था ? कृष्ण ? अकेले कृष्ण ? जिन के हाथ में अपना कोई शस्त्र भी नहीं था ?
अर्जुन शिखंडी को समाने रख भीष्म का वध करता है अथवा पहले चरण में वह भीष्म को शिखंडी से बचाता रहा है और फिर अपने जीवन और युग से हताश भीष्म को एक क्षत्रीय की गौरवपूर्ण मृत्यु देने के लिए उनसे सहयोग करता है ? कर्ण का रोष क्या था और क्या था कर्ण का धर्म ? कर्ण का चरित्र ? इस खंड में कुंती और कर्ण का प्रत्यक्ष साक्षात्कार हुआ हा। और कुंती ने प्रत्यक्ष किया है कर्ण की महानता को। बताया है उसे कि वह क्या कर रहा है, क्या करता रहा है। बहुत कुछ प्रत्यक्ष हुआ है, महासमर के इस सातवें खंड प्रत्यक्ष में।....किंतु सब से अधिक प्रत्यक्ष हुए हैं नायकों के नायक श्रीकृष्ण। लगता है कि एक बार कृष्ण प्रकट हो जाएँ तो अन्य प्रत्येक पात्र उनके सम्मुख वामन हो जाता है। और इसी खंड में है कृष्ण की गीता...भगवद्गीता..। एक उपन्यास में गीता, जो गीता भी है और उपन्यास भी। इस खंड को पढ़ने के पश्चात निश्चित रूप से आप अनुभव करेंगे कि आप कृष्ण को बहुत जानते थे, पर फिर भी इतना तो नहीं ही जानते थे।..
ThanX bro,,,,,,,,,,,,,,,,,Please upload Next two Part only Nirbandh and Aanushangik,,,,,
ReplyDeleteThanX,,,,,,,,,,,,,,,,Bro, please upload next part,,,,,,,,,
ReplyDeletei will read that on Sat-Sunday off,,,,,,,,,,,
bhai ye download nahi ho rahi
ReplyDeletetejbir bhai "Skip Ad" par click karo fir ye automatic download ho jayega.....
ReplyDeleteJAYDEEP BRO When will you upload the next part ???,,,
we all r waiting for that
Rakesh bhai... mai next part 1 ya 2 din me upload kar paunga...
ReplyDeleteThanks
DeleteBandhu Skip Add Par Klick Kiya Fir Bhi. Apload Nahi Ho Rahi Hai.
Ajay Singh
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ReplyDeleteDownload nahi Ho rahi hai
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteBhpandhu ! Skip Add Per Click Karane Per Bhi download Nahi Ho Rahi Hai.
Download Nahi Ho Rahi.
ReplyDeleteAap skip add par click karte hain to kya hota hai...
DeleteKya ap ka popup blocker on hai... use off kijiye...
DeleteKuch Nahi Hota Hai. Popup Bloker Off Hai
DeleteOff hai
ReplyDeleteBhai aap browser kaun sa use kar rahe hain,sabhi browser ki setting alag alag hoti hai,,,shayad main kuchh madad kar saku,,,
Delete1.) agar " https:// " me skip add ka url open ho raha hai to ise url me se " https://" se hata k "http://" kar dijiye fir ise refresh kar dijiye iske baad aapke pas same page open hoga, tab aap skip add par click kijiyega to
download ho jayega...
Jay Deep Bhai next part aap aaj upload kar dijiye please ,,,,,
Not getting downloaded :(
ReplyDeleteThanks!
ReplyDeleteBandhu Internet Explorer Use Kar Raha Hoon. Aap Key Tarike Se Book Download Ho Gai.
Bandhu Jaydeep Plz.Upload Next Part.
WHAT HAPPENED JAYDEEP BRO ?? R U IN ANY KIND OF TROUBLE ?? WE ALL ARE WAITING FOR THE NEXT PART. PLEASE UPLOAD AS SOON AS POSSIBLE. THANXX..........
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