यामा एक कविता-संग्रह है जिसकी रचायिता महादेवी वर्मा हैं। इसमें उनके चार कविता संग्रह नीहार, नीरजा, रश्मि और सांध्यगीत संकलित किए गए हैं।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश -
नीहार
(प्रथम यामः)
एक
निशा को, धो देता राकेश
चाँदनी में जब अलकें खोल,
कली से कहता था मधुमास
बता दो मधुमदिरा का मोल,
गये तब से कितने युग बीत
हुए कितने दीपक निर्वाण
नहीं पर मैंने पाया सीख,
तुम्हारा सा मनमोहन गान।
बिछाती थी सपनों के जाल
तुम्हारी वह करुणा की कोर,
गयी वह अधरों की मुस्कान
मुझे मधुमय पीड़ा में बोर,
भूलती थी मैं सीखे राग
बिछलते थे कर बारम्बार,
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